-कृष्ण बलदेव हाडा-

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के रूप में चली आंधी में लगभग उड़ चुकी भारतीय जनता पार्टी की आक्रोश यात्रा से पिंड छुड़ाने की कोशिश को विश्व के कई देशों में बढ़ते वैश्विक महामारी कोविड-19 के प्रकोप के आंकड़ों की वजह से पंख लग गए हैं और एक ‘ सार्थक पहल ‘ का बहाना बनाते हुए प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने गुरुवार को जन आक्रोश सभा को रद्द करने की घोषणा आनन-फ़ानन में कर भी हैं लेकिन एकाएक किए गए इस फैसले को इसकी घोषणा के महज ढाई घंटे बाद ही बदलने को मजबूर होना पड़ा।
इसकी बडी वजह बनी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को बीच राह में रोकने की कोशिश जिसकी सुनियोजित तरीके से पहल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया ने यह कहते हुए की थी कि चूंकि दुनिया के कई देशों में है वैश्विक महामारी कोविड-19 का प्रकोप बढ़ रहा है तो इसे देखते हुए जन स्वास्थ्य के मद्देनजर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को रद्द कर दिया जाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडवीया के इस सुझाव के बावजूद जब कांग्रेस अपनी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष की सफलता के नए शिखर छू रही भारत जोड़ो यात्रा को उसके अंतिम मुकाम श्रीनगर तक पहुंचाने के लिए कृत संकल्पित नजर आई और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का यह प्रस्ताव ठुकरा दिया कि भारत यात्रा को कथित जनहित में रद्द कर दिया जाना चाहिए तो भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को किरकिरी होने से बचने के लिये यह कहते हुए पार्टी की जन आक्रोश सभाओं को रद्द करने का फ़ैसला यह कहते हुये ढ़ाई घंटे बाद ही वापस लेना पड़ा कि चूंकि अभी केंद्र या राज्य सरकारों ने कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण ऐसे किसी सार्वजनिक कार्यक्रम को रोकने की एडवाइजरी जारी नहीं है इसलिए भारतीय जनता पार्टी की जन आक्रोश सभायें भी जारी रहेंगी जो पार्टी राज्य सरकार के हर मोर्चे पर विफल होने के विरोध में पिछले करीब एक माह से रही है जिसे जनता का तो क्या पूरे मन से भारतीय जनता पार्टी के अपने कार्यकर्ताओं का भी समर्थन नहीं मिल पा रहा है। अब जब कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा को स्थगित या रद्द करने से इंकार कर दिया तो भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने भी अपनी किरकिरी होते देख तुरंत अपना फैसला वापस ले लिया।
इसी महीने के शुरू में चार दिसम्बर को मध्यप्रदेश से चवली के रास्ते से राजस्थान में प्रवेश करने वाली राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का राजस्थान में अंतिम सफर अभी दो दिन पहले पूरा हुआ लेकिन इस बीच बीते एक पखवाड़े से भी अधिक समय में इस यात्रा को झालावाड़ जिले से लेकर कोटा, बूंदी ,सवाई माधोपुर, अलवर जिले तक जितने बड़े पैमाने पर व्यापक जनसमर्थन मिला और बिना किसी सुनियोजित तरीके से भीड़ बुलाने की कोशिश न किए जाने के बावजूद इसी दौरान इस यात्रा से जुड़ने के लिए गांव-गांव,शहर-शहर जितनी बड़ी तादाद में लोग स्वत:स्फ़ूर्त चलकर पहुंचे, वह अपने आप में अभूतपूर्व था जबकि आमतौर पर राजनीतिक दलों की जन सभाओं और रैलियों में भीड़ जुटाने के लिए राजनीतिक दलों की ना केवल फंडिंग की जाती है बल्कि लोगों को लाने-वापस छोड़ने के लिए वाहनों की व्यवस्था भी करनी पड़ती लेकिन राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ऐसी कोई भी कोशिश नही की गई थी। लोग स्वत: ही इस यात्रा में शामिल हुये थे।
इसके विपरीत भारतीय जनता पार्टी प्रदेश सरकार की कथित विफलताओं के खिलाफ लगातार जन आक्रोश सभायें कर रही है जिसे जनता का तो क्या कार्यकर्ताओं का भी विश्वास हासिल नहीं हो पा रहा और अब पार्टी जैसे-तैसे करके इस कार्यक्रम का अवसान चाहती है और कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा सबसे बड़ा बहाना साबित हो सकता है।