कितना सफल होगा स्टालिन का राजनीति के विरोधी ध्रुवों को एक मंच पर लाने का प्रयास !

-विष्णुदेव मंडल-

विष्णु देव मंडल

चेन्नई। साल 2024 के आम चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी को केंद्र की सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए यदि कोई बैचेन है तो वह डीएमके नेता मुतुवेल करूणानिधि स्टालिन हैं।
उन्होंने 3 अप्रैल को देश के सभी विपक्षी दलों के नेताओं को चेन्नई आने का न्योता देने के मन बना लिए हैं। हालांकि डीएमके ने अभी तक यह घोषणा आधिकारिक नहीं की है। लेकिन डीएमके सूत्र बताते हैं कि आगामी 3 अप्रैल को देश के कई राजनीतिक दलों के नेताओं को सामाजिक न्याय के नाम पर और केंद्र के सत्ता से भारतीय जनता पार्टी एनडीए गठबंधन को उखाड़ फेंकने का योजना बनाने के लिए यदि कोई नेता बैचेन है तो वह है एमके स्टालिन।
कांग्रेस, सीपीआई,सीपीएम, एमडीएमके और वीसीके के साथ-साथ तृणमूल, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी ,बीजू जनतादल, राष्ट्रीय जनतादल, नेशनल कांफ्रेंस, झारखंड मुक्ति मोर्चा आदि दलों को सामाजिक न्याय के नाम पर भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से हटाने के लिए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन एकजुट करने के मूड में है।
ज्ञात हो कि देश के कई राजनीतिक पार्टियां ऐसी हैं मसलन बीजू जनतादल, भारतीय राष्ट्रीय समिति के चंद्रशेखर राव की पार्टी भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी रखना चाहते हैं, ऐसे में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को इस बात की चिंता है कि यदि देशभर में विपक्षी एकता नहीं होगा तो भारतीय जनता पार्टी को केंद्र के सत्ता से बाहर करना बेहद कठिन होगा क्योंकि समाजवादी पार्टी का भी रूख कांग्रेस के प्रति ठीक नहीं है। डीएमके का मानना है कि जिस तरह वर्ष 1989 में कांग्रेस पार्टी को सामाजिक न्याय के नाम पर सभी छोटे छोटे दलों ने एक होकर केंद्र के सत्ता से हटाया था ठीक उसी तरह 2024 में नरेंद्र मोदी जैसी बड़ी शख्सियत को केंद्र की सत्ता से हटाने के लिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट करना जरूरी है।
सूत्र बताते हैं कि अभी तक कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को बुलावा भेजा गया है जिन्होंने आगामी 3 अप्रैल को आल इंडिया फेडरेशन आफ सोशल जस्टिस के बैनर तले एक साथ आने के हामी भर दी है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्लाह, बीआरएस नेता के केशव राव, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई नेता डी राजा, आम आदमी पार्टी के संतोष सिंह और तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने आमंत्रण स्वीकार कर लिया है।
डीएम के सूत्रों की माने तो इस सम्मेलन में कई सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं को भी बुलावा भेजा जाएगा जो केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं। डीएमके का एक ही मकसद है की भारतीय जनता पार्टी विरोधी मुहिम के तहत सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाया जाए।
सूत्र यह भी बताते हैं कि आगामी 3 जून को तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि का जन्मदिन ह।ै इस अवसर पर देश के कई बड़े नेताओं को खासकर राहुल गांधी तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आदि को एक मंच पर बुलाने की संभावना है ताकि केंद्र सरकार के खिलाफ एक बड़ा गठबंधन बनाया जा सके।
उल्लेखनीय है की के चंद्रशेखर राव ममता बनर्जी समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव आम आदमी पार्टी एवं बीजू जनता दल कांग्रेस पार्टी से भी उतना ही दूरी बनाना चाहती है जितना भाजपा से ऐसे में डीएमके को चिंता सता रही है कि बिना विपक्षी एकता को भाजपा के सबसे मजबूत शख्सियत नरेंद्र मोदी को हटना नामुमकिन है।

(लेखक चेन्नई के स्वतंत्र पत्रकार हैं। यह उनके निजी विचार हैं)

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