
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ना लगभग तय है। गहलोत ने बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात से पहले कहा कि अगर नेतृत्व उन्हें अध्यक्ष पद का चुनाव लडने को कहता है तो वह मना नहीं करेंगे लेकिन उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि वह राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं। गहलोत सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद इस समय भारत जोड़ो यात्रा में शामिल राहुल गांधी से मिलने केरल जाएंगे। गहलोत के प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट ने भी बुधवार को राहुल गांधी से मुलाकात की थी। सचिन भारत जोडो यात्रा में राहुल गांधी के साथ शामिल हुए और इसी दौरान उन्होंने पूर्व पार्टी अध्यक्ष से चर्चा की। चुनाव के लिए नामांकन 24 सितंबर से दाखिल किए जाने हैं।
गहलोत ने कहा कि वह नेतृत्व के आदेश को नहीं ठुकरा सकते। उन्होंने कहा कि पार्टी ने मुझे सब कुछ दिया है। मेरे लिए पद महत्वपूर्ण नहीं हैं। मुझे जो जिम्मेदारी दी गई है उसे पूरा करना ज्यादा जरूरी है। आज मैं मुख्यमंत्री हूं तो इस पद की जिम्मेदारी निभा रहा हूं। मुझे जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी उसे पूरा करूंगा।
उधर, कांग्रेस अध्यक्ष पद के दावेदार सांसद शशि थरूर ने चुनाव का काम देख रहे मधुसूदन मिस्त्री से मुलाकात की। उनकी मुलाकात नई दिल्ली स्थित एआईसीसी कार्यालय में हुई। इस मौके पर मिस्त्री ने बताया कि चुनाव के लिए सभी 9,000 से अधिक प्रतिनिधियों की सूची एआईसीसी, दिल्ली में उपलब्ध है। प्रतियोगी उन 10 सदस्यों को चुन सकते हैं जिनकी नामांकन दाखिल करने के लिए समर्थन की जरूरत होगी।
उदयपुर चिंतन शिविर में पार्टी द्वारा दोहराए गए एक प्रमुख संगठनात्मक सुधार के रूप में एक आदमी, एक पद नियम के बारे में गहलोत ने तर्क दिया कि इसमें उन पदों को शामिल किया गया है जिनके लिए नामित किया जाता है। अध्यक्ष पद का चुनाव 9,000 प्रतिनिधियों में से कोई भी लड़ सकता है। मुख्यमंत्री बने रहने के बारे में गहलोत ने कहा कि यह तो समय बताएगा। लेकिन मैं ऐसी जगह रहना चाहूंगा जहां मेरी उपस्थिति से पार्टी को फायदा हो।