चुनावी साल में गहलोत के दौरे रद्द होने से उठ रहे सवाल !

मेगा जॉब फेयर कोटा मैं बेरोजगारों का उमड़ा सैलाब 
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-देवेंद्र यादव-

devendra yadav
देवेंद्र यादव

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का 28 जून का कोटा दौरा भले ही रद्द हो गया है, मगर 27 जून से कोटा मुख्यालय पर दो दिवसीय मेगा जॉब फेयर ने हाड़ौती संभाग के हजारों बेरोजगार युवकों में रोजगार मिलने के लिए आशा की किरण जगाई है।
यूं तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की जनता को अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं की सौगातें दी है, अब उन्हीं में से एक सौगात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार की तरफ से राज्य के बेरोजगार युवकों के लिए दी जा रही है। राज्य सरकार का कौशल, रोजगार एवं उद्यमिता विभाग की तरफ से राज्य के संभाग एवं जिला मुख्यालयों पर मेगा जॉब फेयर लगाए जा रहे हैं अभी तक कौशल रोजगार उद्यमिता विभाग राज्य में 11 जगह मेगा जॉब फेयर का आयोजन कर चुका है।
कौशल रोजगार उद्यमिता विभाग की कमिश्नर रेनू जयपाल ने बताया कि राजस्थान सरकार राज्य भर में लगभग 100 जगह रोजगार मेलों का आयोजन करेगा।

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राज्य सरकार द्वारा आयोजित रोजगार मेले में बेरोजगार युवकों की भीड़ उमड़ती हुई नजर आ रही है, मेले में करीब 100 से अधिक निजी क्षेत्र की कंपनियां भाग ले रही हैं जो अपने अपने प्रतिष्ठानों के लिए बेरोजगार युवकों का चयन कर रोजगार दे रही है।
राज्य सरकार द्वारा बेरोजगार युवकों के लिए लगाए जा रहे मेगा जब फेयर की खास बात यह है कि, कौशल रोजगार एवं उद्यमिता विभाग की कमिश्नर रेनू जयपाल स्वयं अपने स्टाफ के साथ मेले में उपस्थित दिखाई देती हैं दूसरी सबसे बड़ी खास बात यह है कि मेले में अपना साक्षात्कार देने के लिए आने वाले बेरोजगार युवकों के लिए खाने पीने की व्यवस्था राज्य सरकार के द्वारा की गई है।
शायद यह पहला अवसर होगा जब हजारों की संख्या में एक स्थान पर साक्षात्कार देने के लिए आने वाले शिक्षित बेरोजगार युवकों के लिए खाने की व्यवस्था किसी सरकार ने की हो इसके जवाब में कमिश्नर रेनू जयपाल ने बताया कि बेरोजगार युवक तनाव से मुक्त होकर कंपनियों को अपना साक्षात्कार दें।

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कोटा में आयोजित मेगा जॉब फेयर, तो हाड़ौती संभाग के बेरोजगार युवकों के चेहरे पर मुस्कान लेकर आया है मगर हाडोती संभाग के कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बार-बार कोटा के दौरे के रद्द होने से मायूस है और निराश भी हैं।
और सवाल उठने लगे हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आखिर कोटा क्यों नहीं आना चाहते हैं, बल्कि अब तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कोटा दौरे की घोषणा होने के तुरंत बाद ही लोग बतियाने लग जाते हैं कि देखना थोड़ी देर बाद गहलोत के कोटा दौरे के रद्द होने की खबर भी सामने आ जाएगी।
अशोक गहलोत ने अभी तक राजस्थान में अपने दोरो का अर्धशतक पूरा कर लिया है मगर अभी भी हाडोती संभाग में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दोरा होना बाकी है। अशोक गहलोत विगत दिनों हाडोती संभाग के बारां जिले में राज्य के खनिज मंत्री प्रमोद जैन के द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में भाग लेने के लिए आए थे उसके बाद दो बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का हाड़ौती संभाग का दौरा बना मगर दोनों ही बार गहलोत का दौरा रद्द हो गया। गहलोत के दौरे के अचानक रद्द होने से जहां एक तरफ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में मायूसी देखी गई तो वही संभाग में चर्चा होने लगी थी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हाडोती संभाग के अपने दौरे बार-बार रद्द क्यों कर रहे हैं। क्या हाडोती संभाग कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। क्या हाडोती संसार में कांग्रेस के भीतर गुटबाजी अधिक है जिसके चलते गहलोत अपने दौरे बार-बार रद्द कर रहे हैं मगर यह चुनावी साल है और चुनावी साल में 1 महीने में तीन बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दौरे रद्द होना राजनीतिक सवाल खड़े करता है। एक तरफ इस चुनावी साल में पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने 2 जुलाई को कोटा संभाग में विशाल रैली करने की घोषणा कर रखी है जिसकी तैयारी जोर शोर से चल रही है वहीं दूसरी तरफ 28 जून का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दौरा रद्द होना सवाल खड़े करता है।
देवेंद्र यादव, कोटा राजस्थान
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

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