-शोर के बीच मछली मार्केट-सब्जी मंडी से भी आदमी कुछ ना कुछ खरीद लाता है,विधानसभा में तो यह भी नहीं मिलता
-कृष्ण बलदेव हाडा-

कोटा। राजस्थान में कोटा जिले की सांगोद विधानसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने कहा कि वे मोटे तौर पर उनकी मांगे नही मानने के विरोध में विधानसभा का अपना बहिष्कार जारी रखेंगे लेकिन आवश्यकता होने पर विधानसभा में अपनी बात रखने जा सकते हैं।
हालांकि श्री भरत सिंह ने व्यंग्य करते हुए कहा कि-” आदमी जब मछली मार्केट या सब्जी मंडी में कुछ खरीदारी करने के लिए जाता है तो वहां जबरदस्त शोर-शराबे के बीच भी वह कुछ ना कुछ अपनी जरूरत के हिसाब से खरीदी ही लाता है लेकिन विधानसभा में तो जिस तरह से मेरी वाजिब बात को अनदेखा किया जाता है, वहां तो सब्जी मंडी या मार्केट मार्केट जैसी खरीदारी की सुविधा भी नहीं मिल पाती और मैं महज उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए ही विधानसभा में जाकर बैठना उचित नहीं समझता। ”
श्री भरत सिंह ने आज बताया कि उन्होंने विधानसभा में नहीं जाने की कोई शपथ नहीं ले रखी है लेकिन मोटे तौर पर चूंकि भ्रष्टाचार, अवैध खनन जैसे ज्वलंत मसलों पर उनकी मांगों की अनदेखी किए जाने के राज्य सरकार के रवैए से सहमत नहीं है इसलिए वे विधानयभा में नहीं जाएंगे। राज्यपाल के अभिभाषण के समय भी वे विधानसभा में नहीं गए और उसी दिन तय नीति के तहत अपनी मांगों को लेकर बारां में प्रदर्शन करना तय किया था और यह संदेश देना चाहा कि वे उस दिन जनता की बात जनता के बीच रखने के लिये प्रदर्शन कर विधानसभा का बहिष्कार करेंगे।
श्री भरत सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र से संबंधित कई सवाल विधानसभा में लगा रखे हैं। उनका तो जवाब विधानसभा में प्रस्तुत किया जाना ही है और अभी विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है तो वैसे तो वह विधानसभा का बहिष्कार करेंगे लेकिन अगर बजट सम्बंधी किसी मसले पर उन्हें अपनी बात कहने की जरूरत महसूस हुई तो विधानसभा में भी जा सकते हैं। ” वैसे मैं अपनी विधानसभा क्षेत्र से संबंधित सवाल लगाकर विधानसभा में अपनी अनुपस्थिति के बीच भी अपनी उपस्थिति को दरवाजे दर्ज करवा दूंगा। ”
श्री भरत सिंह ने रविवार को उन्हें बारां जिला मुख्यालय पर जुलूस निकालकर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देने के लिए स्थानीय जिला प्रशासन के प्रति कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि अगर प्रशासन को इजाजत नहीं देनी थी तो जिस समय उन्होंने लिखित में देकर इस प्रदर्शन करने के बारे में जिला मजिस्ट्रेट को सूचना दी थी तो उस समय ही इंकार कर देना चाहिए था लेकिन जब वे प्रदर्शन की सारी तैयारी कर चुके थे, ऐसे में उन्हें कल ही ऎन समय पर रात 8बजे उन्हे प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने की जानकारी दी।उन्होंने कहा-” जाहिर है कि प्रशासन को इस बात का डर रहा होगा कि कहीं मैं इस प्रदर्शन के जरिए अपनी ताकत का एहसास करवाने में सफल ना हो जाऊं। ” श्री भरत सिंह ने कहा कि कल उनके पास राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी। सुखविंदर सिंह रंधावा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के फोन पर आए थे तो उन्होंने भी उनसे बातचीत में इस पर अपना प्रतिकार दर्ज करवाया था कि अनुमति देने के लिए पहले भी इनकार किया जा सकता था इन तरह ऎन मौके पर कानून और व्यवस्था के नाम पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं देना गलत है।
श्री भरत सिंह ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में यदि कानून सम्मत लोकतांत्रिक तरीके से सभी को ठीक वैसे ही अपनी बात कहने का अधिकार है जिसे वे कल खुद जुलूस निकालकर और प्रदर्शन करके खनन विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना पक्ष जनता और प्रशासन के सामने पेश करना चाहते थे और यदि किसी को उनके इस प्रदर्शन पर एेतराज है और वह उन्हें काले झंडे दिखाना चाहते हैं तो इसमें गलत कुछ भी नहीं है। उन्हें भी लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात कहने और विरोध दर्ज कराने का अधिकार है ऐसे में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का सहारा लेकर एेन समय पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं देना सरासर गलत है और यह प्रशासन की कमजोरी को स्पष्ट रूप से प्रकट करता है।
श्री भरत सिंह ने कहा कि उन्होंने तो बारां जिला प्रशासन के प्रदर्शन करने की अनुमति देने से इनकार करने के बाद खुद मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव कुलदीप राका को फोन करके उनसे अपनी नाराजगी प्रकट की है और उन्हें कहा है कि जिला मजिस्ट्रेट का रवैया कायराना है और उन्हें ऐसे जिम्मेदार पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। श्री राका उनकी इस बात से मुख्यमंत्री को भी अवगत करवाये।