मुख्यमंत्री जमीन से नहीं तो आसमान से ही बारां में अवैध खनन होते देख लें

कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह कुंदनपुर में किया अशोक गहलोत से आग्रह

sorasan godawan
फोटो साभार एएच जैदी

-कृष्ण बलदेव हाडा-

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कृष्ण बलदेव हाडा

कोटा। राजस्थान में अवैध खनन के मसले पर राज्य सरकार खासतौर से सरकार में शामिल खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया एक बार फिर से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह कुंदनपुर के निशाने पर हैं। इस बार बारां जिला मुख्यालय में ही शहरी सीमा में और वह भी मिनी सचिवालय के पास खुले आम हो रहे अवैध खनन को लेकर भरत सिंह ने खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया पर जमकर निशाना साधा है। राजस्थान के खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया के गृह जिले बारां में तो जिला मुख्यालय के उस मिनी सचिवालय के कुछ ही मीटर के फासले पर अवैध मिट्टी खनन का मामला सामने आया है जहां जिले भर के अदने से लेकर आला अफसर तक बैठते हैं, जिनमें जिला कलक्टर भी शामिल है और इस बारे में जिला कलक्टर का स्पष्ट बयान सामने आया है कि उन्हें ऐसे किसी अवैध खनन की जानकारी नहीं मिली जबकि इसी मिनी सचिवालय की छत पर खड़े होकर मिट्टी के इस अवैध रूप से हो रहे खनन में लगी मशीनों को दिन -रात काम करते हुए देखा जा सकता है।

 

अवैध खनन के कारोबार की ओर ध्यान तक नहीं

 

इसी मिनी सचिवालय में उस खनन विभाग के अभियंताओं के भी दफ़्तर है जिन पर अवैध रूप से होने वाले किसी भी खनन को रोके जाने की जिम्मेदारी है। अवकाश के दिनों को छोड़कर खनन विभाग के सारे अफसर हर रोज मिनी सचिवालय परिसर के अपने दफ्तर में आते हैं जबकि मिनी सचिवालय के कुछ ही मीटर दूर अवैध खननकर्ताओं के ट्रैक्टर-डंपर खुदी हुई मिट्टी को भरकर बिना किसी अवकाश के सातों दिन और आठों प्रहर आसपास से निकलते हैं लेकिन ताज्जुब है कि किसी का भी अब तक इतने बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध खनन के कारोबार की ओर ध्यान तक नहीं गया या गया हो तो कोई कार्यवाही करना तक जरूरी नहीं समझा। अब जिला कलक्टर को इस बात की दरकार है कि उनके दफ्तर के पास खुले आम हो रहे इस अवैध खनन के बारे में कोई उनसे शिकायत करें, तब कहीं जाकर वह कार्रवाई करें।

विधायक भरत सिंह।

इस गंभीर मसले को लेकर राजस्थान में कोटा जिले की सांगोद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पिछली गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके भरत सिंह कुंदनपुर ने राज्य सरकार खासतौर से बारां-अंता विधानसभा सीट से चुनकर खनन मंत्री बनेप्रमोद जैन भाया को आड़े हाथों लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आज भेजे एक पत्र में भरत सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री का तीन नवंबर को बारां का दौरा प्रस्तावित है। यदि वे जमीन पर नहीं आ सकते तो कम से कम जयपुर से आते समय आसमां से हेलीकॉप्टर से ही बारां के मिनी सचिवालय के पास हो रहे इस अवैध मिट्टी खनन का तो अवलोकन कर सकते हैं। हो सकता है कि जमीन से सच्चाई नहीं दिखे तो कम से कम ऊपर से तो दिखाई दे ही जाएगी। अवैध खनन खनन के संबंध में भरत सिंह ने बारां के जिला कलक्टर को भी पूर्व पत्र भेजा था जिसकी प्रति भी उन्होंने मुख्यमंत्री को आज भेजे पत्र के साथ संलग्न की है और कहा है कि-” मैंने पूर्व में आपसे इसी क्षेत्र के खान की झौंपड़िया गांव में हो रहे अवैध खनन का हवाई सर्वेक्षण करने का अनुरोध किया था। यह काम तत्कालीन प्रमुख शासन सचिव (राजस्व) आनंद कुमार को करना था, लेकिन उनका तो अब स्थानांतरण हो चुका है इसलिए आप ही हेलीकॉप्टर से हवा से ही सही,बारां में मिनी सचिवालय के पास के एवं खान की झौपड़िया गांव के अवैध खनन का नजारा करने का कष्ट करें। ”

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सोरसन में विचरण करते हिरण। फोटो साभार एएच जैदी

 

गोडावण प्रजनन केन्द्र की स्थापना की घोषणा पर अमल नहीं

पूर्व में दिल्ली मुंबई के बीच बन रहे हाईवे के लिए व्यापक पैमाने पर कोटा और बारां जिलों में सार्वजनिक स्थानों से अवैध रूप से मिट्टी के खदान के मसले पर भी कांग्रेस के विधायक भरत सिंह के ही नहीं बल्कि अन्य पर्यावरण प्रेमियों के निशाने पर भी खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया आ चुके हैं। इसके अलावा भरत सिंह के बारां जिले में अंता क्षेत्र के सोरसन अभयारण्य में गोडावण आबाद करने के मसले को बार-बार उठाने के बाद दो साल पहले मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री के रूप में सोरसन में गोडावण प्रजनन केंद्र स्थापित करने की विधानसभा में बजट घोषणा की थी लेकिन इस क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन के कारण इस घोषणा पर अभी तक अमल नहीं किया जा सका है। भरत सिंह ने इस मामले में भी खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया के मित्रों को अवैध रूप से अभयारण्य क्षेत्र के आसपा गिट्टी बनाने के लिए पत्थरों की खुदाई के लिए खानों के आवंटन और क्रेशरों की लगाने का आरोप लगाया था।

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