
-किसी के खुश होने के लिए अपने ही इजाद किए हुए तरीके से खुश होने से उसे कोई नहीं रोक सकता। ऐसा ही कुछ राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विरोधियों के साथ है जो हर छोटी-मोटी बात में श्रीमती राजे के खिलाफ कमियां-खामियां ढूंढने से बाज नहीं आते। ऐसे में जब श्रीमती राजे की भाजपा के ‘इकलौते-आलाकमान’ नरेंद्र दामोदरदास मोदी के धुर विरोधी असमी नेता गौरव गोगोई से उदयपुर हवाई अड्डे पर औपचारिक मुलाकात क्या हुई थी,श्रीमती राजे के प्रतिद्वंदी होने की गलतफहमी पाले कुछ भाजपा नेताओं की बांछें खिल गई।
-कृष्ण बलदेव हाडा-

संसद के बीते सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी की सरकार के खिलाफ प्रतिपक्ष की ओर से पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव का व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री सहित उनकी सरकार के अन्य मंत्रियों को घेरने वाले कांग्रेस के सांसद एवं कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगोई से ही राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से अनायास हुई मुलाकात ने श्रीमती राजीव की मुखालफत करने वाले खेमे को अचानक सक्रिय कर दिया।
श्रीमती राजे की कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी के धुर विरोधी असम के नेता गौरव गोगोई से मुलाकात अनायास उदयपुर एयरपोर्ट के लाउंज में हुई थी और पक्ष-प्रतिपक्ष के राजनेताओं के बीच ऐसी मुलाकात का होना कोई नया अवसर नहीं है। अकसर ऐसा होता रहता है। खासतौर से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और विभिन्न राज्यों की राजधानियों के हवाई अड्डों पर एक ही समय में अलग-अलग दलों के राजनेताओं के हवाई अड्डे पर पहुंचने पर औपचारिक रूप से सामान्य शिष्टाचार के नाते ऐसी मुलाकाते और समय की उपलब्धता होने पर हवाई अड्डे के प्रतीक्षा ग्रह में बैठकर आपस में बातचीत करना एक सामान्य प्रक्रिया है लेकिन जब बात किसी पार्टी की आंतरिक राजनीति की हो तो ऐसी मुलाकातों के होने पर धुर विरोधी राजनेता सक्रिय हो ही जाते हैं।
ऎसा ही कुछ इस मामले में हो रहा है। भारतीय जनता पार्टी की राजस्थान में सर्वाधिक लोकप्रिय नेता दो बार की मुख्यमंत्री रह चुकी श्रीमती वसुंधरा राजे इस साल के अंत में संभावित राजस्थान विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की कम से कम अपनी ओर से तो एक मात्र मुख्यमंत्री पद की दावेदार है। ऐसे में अन्य कई भाजपा नेता जो ना होते हुए भी मुख्यमंत्री बनने की दावेदारी जता रहे हैं, वह ऐसी मुलाकातों को लेकर बतंगड़ बनाने से कभी पीछे नहीं हटते।
अब जबकि राज्य में शनिवार से सवाई माधोपुर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर से भाजपा की ओर से परिवर्तन संकल्प यात्रा शुरू की शुरुआत की जा चुकी है और एक अन्य यात्रा की शुरुआत करने भाजपा के ‘इकलौते आलाकमान’ नरेंद्र दामोदर दास मोदी के दाएं हाथ समझे जाने वाले गृहमंत्री अमित शाह जब रविवार को बेणेश्वर धाम से राज्य के दूसरे छोर से ऐसी ही एक ओर संकल्प यात्रा की शुरुआत करने जा रहे हैं तो श्रीमती राजे का विरोधी खेमा सक्रिय हो गया है और उनकी कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगोई से उदयपुर हवाई अड्डे पर हुई मुलाकात और उसके बाद लंबी बातचीत को लेकर सक्रिय हो गए ताकि श्रीमती राजे के प्रति केंद्रीय नेतृत्व के पहले से ही मौजूद अविश्वास के भाव को और भी अधिक पुख्ता करने के लिए इस दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाया जा सके।
एक सुनियोजित तरीके से श्रीमती राजे और कांग्रेस सांसद गौरव गोगई की शिष्टाचारवश हुई मुलाकात के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे हैं।
यह मुलाकात 31 अगस्त को उस समय हुई थी जब श्रीमती वसुंधरा राजे भारतीय जनता पार्टी की परिवर्तन संकल्प यात्रा के एक दिन पहले देवदर्शन के अपने अभियान के तहत उदयपुर एयरपोर्ट पर पहुंची थी जहां अनायास ही उनकी मुलाकात कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन सांसद गौरव गोगोई से हो गई जो पहले से ही 28 अगस्त से राजस्थान के दौरे पर आए हुए थे एवं 31 अगस्त को उनकी राजस्थान की यात्रा का अंतिम दिन था जबकि श्रीमती राजे की यात्रा का कार्यक्रम अचानक बना था। यह एक सामान्य सी औपचारिक मुलाकात थी लेकिन श्रीमती राजे का विरोधी खेमा येन-केन-प्रकारेण इस मुलाकात के सियासी कयास लगाते हुए अपना ‘राजे विरोधी’ पक्ष केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचाने का हर संभव प्रयास-उपाय कर रहा है ताकि श्रीमती राजे की छवि को जैसे-तैसे धूमिल किया जा सके। हालांकि उनकी ऐसी पुरानी चिर-परिचित उम्मीदें की तरह यह भी उम्मीद पूरी होने वाली लगती नहीं है।