-देवेन्द्र यादव-

राजस्थान कांग्रेस के नेता पद को लेकर बिखरे-बिखरे से नजर आ रहे थे। लेकिन वही नेता संकट की घड़ी में अपने नेता राहुल गांधी के लिए किए गए एकदिवसीय सत्याग्रह में राज्य की राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर एकजुट नजर आए।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को छोड़कर प्रदेश के तमाम छोटे बड़े नेता केंद्र की भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ एकदिवसीय सत्याग्रह में दिखे।
खास बात तो यह थी कि उमस और गर्मी में सचिन पायलट कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा तीनों राष्ट्रीय सह प्रभारी अमृता धवन, काजी निजामुद्दीन और वीरेंद्र सिंह राठौड़, भंवर जितेंद्र सिंह, मोहन प्रकाश तमाम अग्रिम संगठनों के अध्यक्ष और एलडीएम के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर डॉ शंकर यादव, वैभव गहलोत सहित राज्य सरकार के मंत्री भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की अध्यक्षता में सुबह 10 से शाम पांच बजे तक सत्याग्रह करते हुए नजर आए।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वास्थ्य कारणों से सत्याग्रह में उपस्थित नहीं हो पाए मगर उनकी कमी को वैभव गहलोत ने पूरा किया। वैभव गहलोत सत्याग्रह में पूरे समय उपस्थित रहे लेकिन कांग्रेस के सत्याग्रह में उस समय जोश देखने को मिला जब सत्याग्रह स्थल पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की एंट्री हुई। कांग्रेस सत्याग्रह की सफलता का एक कारण कांग्रेस की नई नवेली प्रदेश कार्यकारिणी भी थी। सत्याग्रह से 2 दिन पहले ही कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नई कार्यकारिणी का ऐलान किया था। क्योंकि राजस्थान में इसी साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं और चुनाव की घोषणा होने से पहले कांग्रेस के नेताओं की एकजुटता का कांग्रेस के सत्याग्रह में दिखना राजस्थान कांग्रेस के लिए शुभ संकेत है। इसलिए क्योंकि आए दिन कांग्रेस के नेताओं के बीच राजनीतिक मनमुटाव की चर्चाएं आती रहती थी। तमाम नेताओं से पत्रकारों ने मनमुटाव और गुटबाजी को लेकर सवाल किया तब सभी नेताओं ने एक स्वर में कहा कि राजस्थान में कांग्रेस एकजुट है और 2023 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस एकजुट होकर लड़ेगी और लगातार दूसरी बार अपनी सरकार बनाएगी।सचिन पायलट, सुखजिंदर सिंह रंधावा और गोविंद सिंह डोटासरा ने केंद्र की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस भाजपा के हथकंडे से डरने वाली नहीं है। भाजपा राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता से डर गई है इसलिए भाजपा के नेता राहुल गांधी के ऊपर अनर्गल आरोप लगाकर परेशान कर रहे हैं मगर हमारे नेता राहुल गांधी और उनके कार्यकर्ता भाजपा के हथकंडे से डरने वाले नहीं हैं। कांग्रेस भाजपा की नीतियों के खिलाफ लड़ेगी और जीतेगी।
12 जुलाई बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं में अलग ही जोश नजर आ रहा था यह जोश अपने नेता राहुल गांधी के लिए था। भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस को एकजुट और मजबूत कर दिया। इसकी मिसाल 12 जुलाई बुधवार को कांग्रेस के एक दिवसीय सत्याग्रह में देखने को मिली।
देवेंद्र यादव, कोटा राजस्थान
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)