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फोटो साभार पीआईबी

-द ओपिनियन डेस्क-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान के समरकंद में हैं। उन्होंने शुक्रवार को एससीओ की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि इस साल भारत की अर्थव्यवस्था के 7.5 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। मुझे खुशी है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
पीएम ने कहा, हम प्रत्येक सेक्टर में इनोवेश का समर्थन कर रहे हैं। आज भारत में 70 हजार से ज्यादा स्टार्ट आप है, जिसमें 100 से अधिक यूनीकॉर्न हैं। इस क्षेत्र में हमारा अनुभव एससीओ देशों के काम आ सकता है। इसी उद्देश्य से हम एससीओ सदस्य देशों के साथ अनुभव साझा करने को तैयार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अन्य सदस्य देशों के नेताओं के साथ समरकंद में आयोजित संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन में शुक्रवार को हिस्सा लिया।

क्या पिघलेगी बर्फ होगी मोदी-शी की मुलाकात

लेकिन अमरीका रूस समेत सभी शक्तिशाली देशों की नजर इस पर टिकी है कि क्या पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बातचीत होती है या नहीं। एससीओ बैठक में अमरीका के तीन प्रतिद्वंद्वी देश मौजूद हैं। रूस,चीन और ईरान। भारत चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा-एलएसी- पर तनाव चल रहा है। रिश्तों में बर्फ जमी है। हालांकि व्यापार दोनों देशों के बीच जारी है लेकिन शिखर स्तर पर होने वाला संवाद एलएसी पर चीन के आक्रामक रूख के चलते बंद है। भारत पूरी ताकत से डटकर खड़ा हो गया तो चीन की दाल नहीं गल सकी। गत दिनों गोगरा-होटस्प्रिंग से भारतीय और चीनी सेना की वापसी के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के नेताओं के बीच बातचीत हो सकती है। इंतजार दोनों ओर को इसी घड़ी का है। पीएम मोदी और शी जिनपिंग करीब-करीब तीन साल के बाद आमने-सामने होंगे। अमरीकी सीनेट की प्रमुख पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन के लिए ताइवान मुद्दा बड़ी चुनौती बन गया है। भारत ने इशारों -इशारों में उसकी दुखती रग दबा भी दी हैै।

पाकिस्तान: बातचीत व्यापार के रास्ते बंद किए अब पछता रहा है

पाकिस्तान में प्रतीक्षा इस बात की हो रही है कि पीएम मोदी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात करते हैं या नहीं। इन दोनों ही मुलाकातों के बारे में आधिकारिक स्तर पर पुष्टि नहीं की गई है। पीएम मोदी गुरुवार रात वहां पहुंचे थे। पाकिस्तान ने आगे बढकर भारत से व्यापारिक संबंध तोड़े और अब उसका खामियाजा भी भुगत रहा है। उसकी आर्थिक हालत खस्ता है और महंगाई आसमान छू रही है। अर्थव्यवस्था का भट्ठा बैठ गया है। लेकिन इस हालत के लिए पाकिस्तान खुद जिम्मेदार है। भारत ने तो पहले ही साफ कर रखा है कि आतंकवाद व वार्ता साथ -साथ नहीं चल सकते। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा, व्यापार और संपर्क, संस्कृति और पर्यटन सहित सामयिक, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए एससीओ सदस्य देशों के नेताओं के साथ शामिल हुए।

पुतिन -रईसी से होगी मुलाकात

प्रधानमंत्री मोदी के एससीओ के कार्यक्रम का जो मसौदा तैयार हुआ है, उसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव एवं ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रइसी के साथ द्विपक्षीय वार्ता का कार्यक्रम दर्ज है। ये तीनों बैठकें दोपहर के बाद रखी गई हैं।

एससीओ सदस्य देश

सदस्यताः वर्तमान में रूस, भारत, चीन, कजाखस्तान, किर्गिजस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, पाकिस्तान शामिल हैं।
– बीजिंग में है संगठन का मुख्यालय

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