
-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। यदि आंचलिक हाडोती भाषा में कहे तो-“अगला बरस थां बेगा आ ज्यो” और हिंदी में तो सर्वविदित कथन है कि- “अगले बरस तू जल्दी आ” जैसी सद्इच्छाओं के साथ आज राजस्थान के कोटा में एकदंत सिद्धि विनायक गजानन की विदाई हो रही है। गत 31 अगस्त को धन-ऎश्वर्य के स्वामी गजानन की स्थापना के बाद बीते 10 दिन तक आतिथ्य ग्रहण करने के उपरांत आज आखिरकार विसर्जन की बेला आ ही गई। गणेश भक्त श्रद्धालुओं ने ‘सिद् पधारो गजानंद’ की सद्कामनाओं उनके साथ मंगल मूर्ति गजानंद को विदाई दी।
गणेश उत्सव की जबरदस्त धूम रही

अनंत चतुर्दशी महोत्सव के अवसर पर आज गणेश उत्सव की जबरदस्त धूम रही और शहर में गुमानपुरा के नजदीक सूरजपोल द्वार से लेकर कैथूनीपोल तिराहा, गंदी जी की पुल, पुरानी धानमंडी, चार खंबा, अग्रसेन बाजार, रामपुरा, हिंदू, धर्मशाला होकर किशोर सागर तालाब की समीपस्थ सड़क मार्ग से लक्खी बुर्ज होते हुए किशोरपुरा तालाब की बारहदरी और बड़ तिराहे तक का सारा मार्ग चहुं और लहराती हुई पीत पताकाओं के साथ उत्साह के माहौल में रम सा गया था। जगमग रोशनी से नहाया यह समूचा शोभायात्रा-जुलूस मार्ग किसी राजपथ की आभा का सा अहसास करा रहा था। जिस ओर भी नजर जाती थी, नर-नारियों, बच्चों-युवाओं के आल्हादित चेहरे नजर आते थे।

शोभायात्रा पूजा-अर्चना के बाद प्रारंभ हुई
अनंत चतुर्दशी की यह भव्य शोभायात्रा आज अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार गुमानपुरा नहर के पास रियासतकालीन सूरजपोल द्वार से दोपहर करीब सवा बजे साधु-संतों के सानिध्य में पूजा-अर्चना के बाद प्रारंभ हुई। इसके पहले कोटा शहर के विभिन्न हिस्सों में सजाए गए पांडालों और घरों में विराजित किए गए गजानंद की प्रतिमाओं के साथ लोगों का गुमानपुरा में मल्टीपरपज स्कूल के सामने के मार्ग पर पहुंचना प्रारंभ हो गया था। वैसे तो इस जुलूस में 200 से भी अधिक गजानंद विराजित झांकियां निकाली गई थी लेकिन हजारों की संख्या में लोग व्यक्तिगत स्तर पर भगवान गणपति की प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए जुलूस में शामिल होने को पहुंचे थे। किशोर सागर तालाब में सबसे पहले इन्हीं लोगों के लाये गजानंद की प्रतिमाओं के विसर्जन की प्रक्रिया शुरू हुई और उनकी मदद के लिए वहां नावों के साथ एसडीआरएफ, गृह रक्षा दल के जवान और नगर निगम के कर्मचारी सभी सुरक्षा उपकरणों के प्रबंध के साथ मौजूद थे।
72 स्वागत द्वारों से सजाए गए
सूरजपोल गेट से प्रारंभ हुई इस शोभायात्रा को निहारने के लिए 72 स्वागत द्वारों से सजाए गए जुलूस मार्ग की सड़कों पर लोगों का आज हुजूम उमड़ पड़ा। एक मोटे अनुमान के अनुसार एक लाख से भी अधिक लोग आज कोटा शहर में विभिन्न स्थानों से होकर निकाले गए मुख्य जुलूस में शामिल होने के लिए पहुंचे थे, जिनका सूरजपोल द्वार से लेकर तालाब के पाल की बारहदरी तक जगह-जगह पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया गया। कई स्थानों पर कचोरी-समोसे, आलू बड़े, जलेबी-लड्डू, आलू-पूरी के अल्पाहार और पीने के लिए शरबत-पानी की व्यवस्था की गई थी। पूरे जुलूस मार्ग पर गजानन की स्तुति में मधुर धुनों के साथ गीत गूंज रहे थे।
हैरतअंगेज करतबों का प्रदर्शन
जुलूस में शामिल अखाड़ों के स्वयंसेवकों ने उस्ताद पहलवान की देखरेख में तलवारबाजी, भाला-लाठी संचालन, पोल मल खम्भ आदि के हैरतअंगेज करतबों का प्रदर्शन किया। महिलाओं के छह अखाड़े अलग से निकाले गये जिनकी बालिकाओं-महिला स्वयंसेवकों-कार्यकर्ताओं ने भी अपने करतबों का शानदार प्रदर्शन करके लोगों का मन मोह लिया। जुलूस में शामिल हुई बूंदी जिले की केशवरायपाटन विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की विधायक श्रीमती चंद्रकांता मेघवाल ने तलवारबाजी के अपने हुनर का तो कोटा दक्षिण से भारतीय जनता पार्टी की विधायक संदीप शर्मा ने लाठी चलाने के अपने कौशल का प्रदर्शन किया।
कई स्थानों पर प्रतिमाओं का विसर्जन
किशोर सागर तालाब की पाल पर शोभायात्रा में शामिल प्रमुख अखाड़ों-पांड़ालों की भगवान गजानंद की प्रतिमाओं के पहुंचने का सिलसिला रात्रि साढ़े आठ बजे बाद शुरू हुआ और गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन की प्रक्रिया के मध्य रात्रि बाद तक जारी रहने की उम्मीद है। कोटा में किशोर सागर की बारहदरी के अलावा रंगबाड़ी,भीतरिया कुंड, नदी पार क्षेत्र में करणी माता मंदिर के पास चंबल नदी में गजानंद की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा है। प्रतिमाओं के विसर्जन को देखते हुए किशोर सागर तालाब में पानी की निकासी की गई। अनंत चतुर्दशी महोत्सव के मद्देनजर समूचे कोटा शहर में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। स्थानीय पुलिस सहित अन्य सुरक्षा बलों के करीब साढे तीन हजार जवानों और अधिकारियों को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है और कोटा के जिला मजिस्ट्रेट ओपी बुनकर कोटा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक प्रसन्न कुमार खमेसरा, पुलिस अधीक्षक (शहर) केसर सिंह शेखावत, पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी स्थिति पर नजर रखे रहे।