-कृष्ण बलदेव हाडा –

कोटा।राजस्थान के कोटा में उद्घाटित चंबल रिवर फ्रंट पर बुधवार शाम को बरसात के अभिषेक के साथ बीच चंबल माता की विशाल प्रतिमा की आरती की गई।
कोटा में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शाम को चंबल रिवर फ्रंट पर स्थापित की गई चंबल माता की विशाल प्रतिमा की तय कार्यक्रम के अनुसार जैसे ही आरती शुरू हुई कि वर्षा की रिमझिम बूंदो ने चंबल माता की विराट प्रतिमा का अभिषेक करना शुरू कर दिया। बारिश के बीच हुई चंबल माता की आरती के दौरान बड़ी संख्या में अतिथि उपस्थित रहे। शाम 6:30 बजे विधि विधान से 125 पंडितों ने भक्तिमय माहौल में पहली बार पूजा अर्चना एवं धार्मिक अनुष्ठान के साथ चंबल माता की आरती उतारी थी।
जिस समय रंगीन रोशनियों की सजावट के बीच चंबल माता की प्रतिमा की आरती उतारी जा रही थी, चंबल माता के हाथ कलश से प्रवाहित हो रही जल प्रवाह की धारा मनोरम दृश्य उत्पन्न कर रही थी और यह नजारा देखते ही बनता था। नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने रिमोट दबाकर प्रतिमा के हाथों के कलश से जलधारा प्रवाहित किया था।
चंबल रिवर फ्रंट पर चंबल माता की यह 242 फीट ऊंची यह प्रतिमा स्थापित की गई है जो आने वाले दिनों में पर्यटकों को रोमांचित करेगी। यह प्रतिमा चम्बल रिवरफ्रंट का मुख्य आकर्षण मानी जाती है। चंबल माता के हाथों के कलश से होने वाले जल प्रवाह के लिए हाई, हेड 75 एच पी के चार सबमरसेबल पंप इंस्टॉल किए गए हैं। प्रतिमा के कलश से प्रत्येक घंटे में 7 लाख 60 हजार लीटर पानी प्रवाहित होगा जो रिसायकल होकर वापस पंपों के जरिए कलश से गिरेगा जो रिसायकल होकर वापस पंपों के जरिए कलश से गिरेगा। हाई, हेड 75 एचपी के 4 समरसेबल पंप जो इंस्टॉल किए गए थे। उनको एक एक करके उनको चलाया । 450 एमएम करीब डेढ़ फीट चौड़े 2 पाइपों के जरिए आधुनिक पावरफूल पम्प की सहायता से प्रतिमा के शीर्ष तक पानी को पहुंचा और कलश से जल प्रवाह हुआ।