नारी शक्ति आगे बढ़ती है तो समाज व देश में सकारात्मकता का वास होता है – कुलाधिपति मिश्र

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— उपाधि और मेडल मिले तो झूमे विद्यार्थी

-सावन कुमार टांक-

sawan kumar tank
सावन कुमार टॉक

कोटा। कृषि विश्वविद्यालय कोटा का छठा दीक्षांत समारोह सोमवार को यूआईटी ऑडिटोरियम में कुलाधिपति व राज्यपाल कलराज मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। यहां 527 अभ्यर्थियों को उपाधियां तथा 23 को स्वर्ण पदक से नवाजा गया। साथ ही कोटा काबुली चना 3 तथा कोटा उड़द 5 के साथ ट्राइकोडरमा प्रयोगशाला का लोकार्पण व पुस्तिकाओं का विमोचन किया गया।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कुलाधिपति व राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि हाड़ौती अंचल में स्थित कोटा देश भर की शिक्षा नगरी ही नहीं है बल्कि औद्योगिक रूप से भी अत्यधिक संबंध है। यहां के विकास को देखकर बहुत सुखद अनुभूति होती है। यहां भारतीय संस्कृति तथा परंपराओं को सहेजते हुए आर्थिक विकास को गति देने का प्रयास किया गया है। ऐसे विकास की ओर आकाश को ताकत देने का प्रयास किया गया है। विशेष रूप से उन विद्यार्थियों के लिए मेरी ईश्वर से कामना है जिन्होंने आज पदक और उपाधियां प्राप्त की है। स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों में छात्राएं अधिक है जो बहुत ही शुभ लक्षण है। मैं जहाँ भी दीक्षांत समारोह में जा रहा हूं लगभग सभी विश्वविद्यालयों में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों की संख्या छात्राओं की बहुत अधिक है। मैं कह सकता हूँ कि छात्राओं का इस तरीके से आगे बढ़ना नए
भारत के निर्माण की दिशा में शुभ संकेत है निश्चित रूप से नारी आगे बढ़ गई है। उन्होंने अपनी अग्रणी भूमिका है का निर्वाह किया है और जब नारी शक्ति आगे बढ़ती है तो मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं समाज में उस देश में सकारात्मकता का वास होता है।

दीक्षांत अतिथि पूर्व उपमहानिदेशक ( कृषि शिक्षा) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली डा शांति लाल मेहता ने संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह का दिन विश्वविद्यालय के जीवन में शुभ दिन है। पिछले वर्ष हमने सक्षम संकाय के मार्गदर्शन में जो किया है, उसके लिए हम दिल से बधाई देते हैं और छात्रों को ज्ञान और कौशल आयात करने में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए युवा विद्वानों को एक नया चेहरा शुरू करने के लिए शुभकामनाएं देते हैं। सार्वजनिक संगठन विश्वविद्यालय ने विभिन्न फसलों की 18 नई किस्मों का विकास करता है 78 तकनीक का किसानों के लाभ के लिए फसल उत्पादन से संबंध है 16 किसानों के लिए भी हर साल खाद्य प्रसंस्करण के विभिन्न क्षेत्रों में 2.5 लाख से अधिक कार्यक्रम बनाने के लिए उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं खाद्य प्रसंस्करण में विभिन्न क्षेत्रों में कृषि उन्मुख प्रशिक्षण के बारे में जागरूकता विकसित हुई है 200 से अधिक उद्यमी विकसित हुए हैं। कृषि के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए विश्वविद्यालय के नए कार्यक्रम कृषि उपलब्धियों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए अभी भी बहुत कुछ है, विश्वविद्यालय को और भी अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए अभी एक लंबा रास्ता तय करना है, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन विकसित करना है, नई शिक्षा, कौशल मानव संसाधन विकास प्रौद्योगिकी के लिए उच्च कृषि शिक्षा संस्थानों की स्थापना शानदार सफलताएं रही हैं।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अभय कुमार व्यास ने विश्वविद्यालय में संचालित गतिविधियों तथा उत्तरोत्तर शिखर की ओर अग्रसर होते हुए आयामों के संबंध में जानकारी दी

इनका हुआ लोकार्पण और विमोचन
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ट्राइकोडरमा प्रयोगशाला एव उन्नत दलहनी फसलों दिन में कोटा काबुली चना 3 तथा कोटा उड़द 5 का लोकार्पण तथा पुस्तिकाओं का विमोचन किया गया।

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527 अभ्यर्थियों को उपाधियां, 23 को मिले स्वर्ण पदक
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दीक्षान्त समारोह के दौरान माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति महोदय द्वारा कृषि, उद्यानिकी एवं वानिकी संकायों में स्नातक के 434, स्नातकोत्तर के 86 तथा विद्या वाचस्पति के 7 अभ्यर्थियों को उपाधियां प्रदान की गई। समारोह में ही 8 स्वर्ण पदक स्नातक अभ्यर्थियों को तथा 15 स्वर्ण पदक स्नातकोत्तर अभ्यर्थियों को प्रदान किये गए। इन स्वर्ण पदकों में 2 स्नातक अभ्यर्थियों को कुलपति स्वर्ण पदक तथा 2 स्नातकोत्तर अभ्यर्थियों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक se नवाजा गया। समारोह में अकादमिक वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 की स्नातक, स्नातकोत्तर एवं विद्यावाचस्पति परीक्षाओं में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भी उपाधियां प्रदान की गई। अकादमिक वर्ष 2020-21 हेतु सुश्री रिशिका चौधरी स्नातक (ऑनर्स) उद्यानिकी व अकादमिक वर्ष 2021-22 हेतु सुश्री निशा नेहरा स्नातक (ऑनर्स) कृषि को कुलपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
इसी प्रकार अकादमिक वर्ष 2020-21 हेतु हेमन्त यादव स्नातकोत्तर (कृषि) आनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन तथा वर्ष 2021-22 हेतु सुश्री उदिती धाकड स्नातकोत्तर (कृषि) शस्य विज्ञान को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।

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यादों को सहेजने के लिए बनाया सेल्फी प्वाइंट
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उपाधियां पाने वाले विद्यार्थियों की यादें अमिट रखने और सहपाठियों के साथ फोटो खिंचवाने के लिए इस बार सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया था। जहां ग्रुप में फोटो खिंचवाने वालों की भीड़ लगी रही।

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