भूली बिसरी यादें! होली की

-मनु वाशिष्ठ-

manu vashishth
मनु वशिष्ठ

#आलू को काट कर उस पर 420, गधा, चोर आदि लिखकर, रंगों में डुबोकर किसी की पीठ पर पीछे से ठप्पा लगाना याद है? स्कूल में होली से पहले एक दूसरे पर पैन से स्याही छिड़कना, साथ ही स्कूल में मास्टर जी से, और घर पर मां से ड्रेस पर स्याही के दाग नहीं छूटने के लिए डांट खाना याद है? होली पर घर में गुझिया बनाते वक्त चुपके #कसार (गुझिया में भरी जाने वाली सामग्री) को खाना। फिर गुजिया /मठरी/ पपड़ी आदि को घर की बुजुर्ग महिला द्वारा रात्रि भोजन के बाद चूल्हे पर सेंकना, ताकि बच्चे भगवान को भोग लगाने से पहले झूठा ना करें। कहां गए वो दिन, वो बचपन! कहां वह परात डिब्बों भर मिठाई, कनस्तर भरी गुजिया-पपड़ी भी कम लगती थी, और अब यह ट्रे में रखा सामान भी खत्म नहीं होता। लगता है बच्चे कुछ जल्दी ही बड़े हो गए हैं या वह बचपन कहीं गुम गया है।
__ मनु वाशिष्ठ कोटा जंक्शन राजस्थान

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श्रीराम पाण्डेय कोटा
श्रीराम पाण्डेय कोटा
2 years ago

उत्तर प्रदेश में होली पर्व पर गुझिया बनाने का चलन‌ रहा है,मैदा की पूड़ी में मावा चीनी एवं मेवा भरकर गई में तलकर तैयार किया जाता है, अब यह देश के अन्य राज्यों में भी बनने लगी है, खाने में लजीज , बच्चे बूढ़ों की पसंद है गुझिया.

Manu Vashistha
Manu Vashistha

सही कह रहे हैं, वैसे भी उत्तर प्रदेश धार्मिक पर्वों त्यौहारों और मिठाइयों का प्रदेश है ????????