
-द ओपिनियन-
अहमदाबाद। गुजरात के मोरबी में रविवार को एक सदी पुराना केबल पुल माच्छू नदी में गिर जाने से कम से कम 141 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। पांच दिन पहले मरम्मत और जीर्णाेद्धार के बाद फिर से खोला गया एक सदी से अधिक पुराना पुल रविवार शाम करीब 6.30 बजे ढह गया। उस वक्त पुल लोगों से खचाखच भरा था। करीब 100 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। सोमवार शाम को बचाव कार्य दिन के लिए बंद कर दिया गया।
गुजराती नव वर्ष के अवसर पर 26 अक्टूबर को पुल को फिर से खोलने से पहले एक निजी ऑपरेटर ने लगभग छह महीने तक मरम्मत की थी। इस साल मार्च में ओरेवा ग्रुप को मोरबी नगरपालिका द्वारा पुल के रखरखाव और प्रबंधन का ठेका दिया गया था। आरोप है कि बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के पुल को खोला गया।
राजकोट रेंज के आईजी अशोक यादव ने बताया कि पुल गिरने के मामले में सोमवार को नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें दो मैनेजर और ओरेवा ग्रुप के दो टिकट बुकिंग क्लर्क शामिल हैं।
चश्मदीदों के अनुसार सस्पेंशन ब्रिज पर कई महिलाएं और बच्चे थे। इसी दौरान केबल टूट गई। “हम यहां घूमने आए थे। अचानक तेज आवाज हुई। हमने लोगों को नदी में डूबते देखा, उनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे।
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि कुछ लोगों को पुल पर कूदते और उसके बड़े तारों को खींचते हुए देखा गया। सप्ताहांत होने के कारण रविवार को सैकड़ों लोग पुल पर गए थे। सड़क एवं भवन विभाग मंत्री जगदीश पांचाल ने प्रथम दृष्टया दुर्घटना के लिए भीड़भाड़ को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि एक ही समय में बहुत सारे लोग पुल पर चढ गए जिससे यह ढह गया है। लोगों की संख्या उसकी क्षमता से कहीं अधिक था।