नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मणिपुर दो दिवसीय दौरे पर मणिपुर जाएंगे। मणिपुर में जातीय हिंसा के कारण तनाव है। कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी 29 और 30 जून को हिंसा प्रभावित मणिपुर राज्य का दौरा करेंगे। मणिपुर में 3 मई से जातीय हिंसा हो रही है।
राहुल गांधी अपनी यात्रा के दौरान राहत शिविरों का दौरा करेंगे और इंफाल और चुराचांदपुर में नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे। मणिपुर में
मई के पहले सप्ताह में बहुसंख्यक मैती समुदाय और अल्पसंख्यक कुकी जनजातियों के बीच भड़की जातीय हिंसा में 120 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दल मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को तत्काल हटाने की मांग कर रहे हैं। सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वाेत्तर राज्य की स्थिति की समीक्षा के लिए अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। पिछले हफ्ते गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य में जारी संघर्ष पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी।
मैती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को पहली बार झड़पें हुईं।
मणिपुर की आबादी में मैती लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी – नागा और कुकी – आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
मणिपुर जातीय हिंसा से सुलग रहा है, ऐसे में हिंसा प्रभावित इलाके में नेताओं का जाना आग में घी का काम कर सकता है क्योंकि विपक्ष सरकार की नीतियों की आलोचना तथा प्रशासन की दंगा रोकने में असफलता को सार्वजनिक रूप से आलोचना करेंगे. श्री राहुल गांधी को भी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचना चाहिए