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-सावन कुमार टॉक-

कोटा। सरकारी खरीद केन्द्र पर रबी की फसल सरसों लेकर तो कोई किसान नहीं पहंुचा लेकिन जिन्होंने ने चना बेचा उनमें हाडोती संभाग के कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ जिले के 3 दर्जन से अधिक किसानों का भुगतान खरीद के 2 माह से अधिक समय बाद भी नहीं हो पाया है। किसान अपनी उपज को बेचने के बाद अब भुगतान के लिए तरस रहे हैं। पैसा नहीं मिलने से किसान कर्जा लेकर दिन निकाल रहे हैं। राजफेड के संभाग कार्यालय से किसानों की चना भुगतान की बकाया राशि जारी करने के लिए मुख्यालय की लेखा शाखा को अब तक 3 पत्र लिखे जा चुके हैं लेकिन 38 किसानों की चना खरीद राशि जारी नहीं की गई है।

सावन कुमार टॉक

किसान भुगतान के लिए क्रय विक्रय सहकारी समितियों व संभाग स्तरीय राजफैड कार्यालय के अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार झालावाड़ के 16, बारां के 15, कोटा के 6 व बूंदी का 1 किसान का करीब 65 लाख रुपया बकाया है।
भवानीमंडी के किसान लालचंद, बिरम, इटावा के प्रभुलाल, भीमराज, अंता के सीताराम, नवल किशोर सहित कोटा, बूँदी, बारां व झालावाड़ के 3 दर्जन से अधिक किसानों ने संबंधित क्रय विक्रय सहकारी समिति में बेचे चना का भुगतान नहीं होने की समस्या बताई। तो जांच में पाया गया कि किसी का बैंक अकाउंट तो किसी का ओर कोई दस्तावेज गलत है। अब भुगतान तो राजफैड ही करेगा लेकिन क्रय विक्रय सहकारी समिति के माध्यम से पैसा किसानों को मिलेगा जो कब मिलेगा इस संबंध में सहकारी या राजफेड का कोई अधिकारी बता नहीं पा रहा है। क्रय विक्रय सहकारी समितियों से प्राप्त पत्रों के अनुसार किसानो को चना भुगतान के लिए महाप्रबन्धक (वित्त एवं लेखा) मुख्यालय जयपुर को विवरण भेजा है।

किसानों को पेसे का इन्तजार

रबी वर्ष 2022-23 में चना खरीद 29 जून को बंद हो गई थी। उसके बाद आज 2 माह से अधिक समय गुजरने के बाद भी 38 किसान ऐसे है जिन्हें बेची गई उपज का पैसा नहीं मिल पाया है। इन 2 माह मे किसान के धन का विभाग उपभोग करता रहा व किसान को फांकाकशी मे समय निकालना पड़ रहा है।

इन किसानों का बकाया

झालावाड़ जिले के भवानीमंडी के 3, अकलेरा के 5, झालरापाटन का 1, खानपुर के 5 किसान।
बारां जिले के बारां के 3, छीपाबड़ोद के 3, सीताबाड़ी के 5, अटरू के 2, अंता के 2, छबड़ा का 1 किसान।
कोटा जिले के कोटा का 1, इटावा के 3, सुल्तानपुर के 2 किसान।
बूँदी जिले के नैनवा का 1 किसान।

इनका कहना है

-सहकारी समितियों के जरिए प्राप्त जानकारी के अनुसार 38 किसानों को चना का भुगतान नहीं हो पाया है, इसमें पंजीयन के समय की त्रुटि मुख्य कारण है। किसानों को भुगतान के लिए मुख्यालय को पत्र लिखा गया है।
प्रबन्ध निदेशक राजफेड कोटा

-किसी कारणवश या पंजीकरण के समय हुई खामी के कारण किसान का भुगतान अटका ा है तो जानकारी कर शीघ्र भुगतान करवाया जाएगा।
उर्मिला राजोरिया , निदेशक राजफेड जयपुर

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