नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में बुधवार को एक चीता के शावक की कथित तौर पर मौत हो गई है। शावक की मौत से हडकंप मच गया। वन विभाग के अधिकारी शावक की मौत के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में राष्ट्रीय उद्यान में तीन चीते पहले ही मर चुके हैं। नामीबियाई चीता सियाया (भारतीय नाम ज्वाला) ने मार्च में शावकों को जन्म दिया था। इन्हीं में से एक शावक की मौत हुई है। यह शावक कुछ दिनों से बीमार चल रहा था जिसका मंगलवार, 23 मई को ही पता चला। इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। इससे पहले कूनो पार्क में तीन चीतों की मौत हो चुकी है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी चीतों के पुनर्वास कार्यक्रम को यह एक और झटका है।
कूनो नेशनल पार्क में चीता की मौत का सिलसिला इस साल मार्च में शुरू हुआ जब नामीबिया की मादा चीता साशा की गुर्दे की बीमारी के कारण मौत हो गई। 23 अप्रैल को, उदय नाम के एक नर चीता की मृत्यु हो गई थी। जबकि 16 दिनों के बाद दक्ष नाम की एक दक्षिण अफ्रीकी मादा चीता की मृत्यु हो गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर, 2022 को अपने जन्मदिन के अवसर पर कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को छोडा था।
चीता को 1952 में भारत से विलुप्त घोषित कर दिया गया था, लेकिन 8 चीतों (5 मादा और 3 नर) को अफ्रीका के नामीबिया से प्रोजेक्ट चीता के तहत लाया गया था। बाद में, 12 और चीतों को दक्षिण अफ्रीका से लाया गया और 18 फरवरी को कूनो नेशनल पार्क में पुनर्वासित किया गया।