प्रमुख शासन सचिव के निर्देश: रोजगार और विकास का सशक्त जरिया बने मनरेगा

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की योजनाओं की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक

manrega

कोटा। प्रमुख शासन सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग अपर्णा अरोड़ा की अध्यक्षता में शुक्रवार को संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। प्रमुख शासन सचिव ने बैठक में निर्देश दिए कि महात्मा गांधी नरेगा एवं ग्रामीण विकास की विविध योजनाओं में नवाचारों के साथ थीम आधारित कार्य किये जाएं जिससे ये देश व प्रदेश में मॉडल बनें। रोजगार गारंटी योजना का क्रियान्वयन इस तरह करें कि यह रोजगार और विकास दोनों का सशक्त जरिया बने। कार्य समयबद्ध हों, परिणामदायी और जनोपयोगी हों, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की सभी योजनाओं की समीक्षा कर निर्देश दिए कि फील्ड में सक्रियता बढ़ाकर इन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन कराएं।
बैठक में शासन सचिव पंचायती राज विभाग मंजू राजपाल, निदेशक प्रतिभा, रोजगार गारंटी योजना की आयुक्त शिवांगी स्वर्णकार, संभागीय आयुक्त दीपक नंदी, जिला कलक्टर कोटा ओपी बुनकर, बूंदी कलक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी, झालावाड़ कलक्टर डॉ भारती दीक्षित, बारां एडीएम एसएन आमेठा सहित चारों जिलों के जिला परिषद के सीईओ, बीडीओ एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
प्रमुख शासन सचिव ने निर्देश दिए कि नरेगा के तहत कार्य सृजन न्यायसंगत और उपयोगिता के आधार पर हों, स्वीकृति में विलंब नहीं हो। कोई पंचायत ऐसी ना रहे जहां काम नहीं हों और श्रमिक कार्यों का इंतजार करें। भुगतान समय पर हों। मौके पर आंकड़ों में नहीं बल्कि वास्तविक तौर पर प्रभावी तरीके से कार्य होते पाए जाएं। कलक्टर स्तर पर नियमित फील्ड विजिट और मॉनिटरिंग हो। जल एवं पर्यावरण संरक्षण की थीम को ध्यान में रखते हुए पौधारोपण, जल संरक्षण, कृषि विकास, पर्यावरण संरक्षण आधारित कार्य हाथ प्रमुखता से हाथ में लिए जाएं। चरागाह विकास, फार्म पॉन्ड, नर्सरी विकास, पार्क झाड़ियों की सफाई, रास्ते जैसे जनोपयोगी कार्य प्राथमिकता से लिए जाएं। सोख्ता गड्ढा जैसे कार्य प्रत्येक मकान में करवाए जाएं जिससे स्वच्छता के मॉडल के तौर पर प्रस्तुत किया जा सके।

100 दिन के रोजगार पर रहे पूरा फोकस-

उन्होंने निर्देश दिए कि सौ दिन के रोजगार पर पूरा फोकस किया जाए। बीडीओ इसके लिए श्रमिकों को प्रोत्साहित करें ताकि मुख्यमंत्री बजट घोषणा के तहत 100 दिन पूरे करने पर 25 दिन के अतिरिक्त रोजगार का लाभ दिया जा सके। इसी तरह सहरिया, खेरुआ, कथौड़ी जनजातियों एवं विशेष योग्यजन के लिए 100 दिन के अतिरिक्त कार्य का लाभ देने की योजना की जानकारी फील्ड में दे और उन्हें प्रोत्साहित करें। इस योजना का शीघ्र शुभारम्भ होना है। शुभारम्भ से पूर्व संबंधित कार्मिकों का ओरिएंटेशन किया जाए।

आवास योजनाएं समय पर पूरी हों-

प्रमुख शासन सचिव ने आवास योजनाओं की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि नियत अवधि में आवास पूर्ण नहीं होने पर शास्ति के प्रावधान किए गए हैं। आवास स्वीकृति, प्रथम, द्वितीय, तृतीय किश्त तथा जिओ टेगिंग नियत समय पर न होने पर भी शास्ति का प्रावधान किया गया है, अतः इस कार्य को गम्भीरता से लिया जाए। शास्ति के साथ ही अनुशासनात्मक कार्यवाही भी संबंधित के विरुद्ध की जाएगी। उन्होंने राजीव गांधी जल संचय योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, डांग विकास, सामुदायिक कार्य योजना, स्वच्छता मिशन, ओडीएफ, शौचालय निर्माण, एमएलए, एमपी लेड सहित अन्य योजनाओं तथा कार्यक्रमों की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए।

राजीविका को बनाएं महिला सशक्तिकरण का पर्याय-

प्रमुख शासन सचिव ने निर्देश दिए कि राजीविका को गांव-गांव तक पहुंचाया जाए तथा अधिकाधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन एवं वित्तीय सशक्तिकरण महिलाओं को हुनर आधारित रोजगार से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर अपने-अपने जिलों में उपलब्ध संसाधनों, परम्पराओं, हुनर, स्थानीय रुचि एवं मांग को ध्यान में रखते हुए स्वयं सहायता समूहों को उत्पादों के निर्माण के लिए प्रोत्साहित करें एवं उन्हें अवसर प्रदान करें। इस अवसर पर उन्होंने कोटा एवं झालावाड़ में राजीविका स्वयं सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की तथा शेष जिलों में भी राजीविका के सशक्तिकरण के निर्देश दिए। राजीविका कोटा के स्वयं सहायता समूहों द्वारा उनके बनाए मिट्टी के दीये एवं अन्य उत्पाद अधिकारियों को भेंट किए जिन्हें खूब सराहा गया। बैठक में शासन सचिव पंचायती राज मंजू राजपाल ने विभिन्न विभागीय योजनाओं में संभाग के जिलों की स्थिति का प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया तथा विभिन्न प्रावधानों एवं दिशा निर्देशों से अवगत कराया। निदेशक प्रतिभा एवं रोजगार गारंटी योजना आयुक्त शिवांगी स्वर्णकार ने भी संबंधित विषयों पर आवश्यक निर्देश दिए। संभागीय आयुक्त दीपक नन्दी ने नरेगा अन्तर्गत सीएडी की केनालों के इर्द-गिर्द करवाए कार्यों की जानकारी दी। जिला कलक्टर ओपी बुनकर ने विभिन्न योजनाओं में जिले की स्थिति की जानकारी दी।

कुम्भकारों को सम्बल देने की पहल-

मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद ममता तिवाड़ी ने बैठक में बताया कि इस दिवाली जिला परिषद ने नवाचार करते हुए कुम्भकारों को सम्बल देने की पहल की है। उन्होंने बताया कि कुम्भकारी के परम्परागत व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए राजीविका समूहों से दीपक निर्मित करवाए गए हैं। सभी ग्राम पंचायतों द्वारा एक-एक हजार मिट्टी के दीये खरीदे जायेंगे। इस कार्यक्रम का प्रमुख शासन सचिव ने बैठक के बाद शुभारम्भ किया एवं इस पहल को सराहा। सीईओ ने जिला परिषद के अन्य नवाचारों की भी जानकारी दी एवं आभार व्यक्त किया। परियोजना अधिकारी राजीविका नेहा चतुर्वेदी ने स्वयं सहायता समूहों द्वारा कराए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।

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