
-सुसंस्कृत समाज का दोगलापन उजागर
-संजय चावला-

कोटा। अगर कोई कहता है कि टीवी सीरियल या फिल्मों के अलावा रहस्य, रोमांच और हास्य का नाट्य मंचन नहीं किया जा सकता तो उन्हें नेक चोर नामक नाटक अवश्य देखना चाहिए। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर के तत्वावधान में यूआईटी ऑडीटोरियम में शनिवार शाम मंचित नेक चोर नाटक ने दर्शकों को लगभग सवा घंटे तक बांधे रखा। जहां हर पात्र ने अपनी भूमिका को बखूबी निभा अपने युवा निर्देशकों की मेहनत को सफल किया वहीं नाटक की स्क्रिप्ट इतनी कसी हुई थी कि कभी महसूस नहीं हुआ कि इसकी जरुरत नहीं थी। छोटे छोटे वाक्य और सहज और सरल भाषा ने इस नाटक की प्रस्तुति में चार चांद लगा दिए। पूरे समय ऐसा महसूस होता रहा कि मंच पर जो कुछ देख रहे हैं वह आपके सामने ही घटित हो रहा है। कहीं कोई बनावटीपन नजर नहीं आना इस नाटक और इसके पात्रों के अभिनय की विशेषता रही। सभी कलाकारों को लगभग समान मौका था और वे अपनी भूमिका पर खरे उतरे।
अंग्रेजी साहित्य में एक अलंकार है ऑक्सीमरोन जिसमे दो विरोधाभासी शब्दों को एक साथ रखा जाता है जैसे झूठा सच निर्दाेष हत्यारा आदि। नाटक नेक चोर में पेशे से चोर होने के बावजूद एक पात्र का जीवन जहाँ खुली किताब की तरह है वहीं दूसरे पात्र जो बाहर से नैतिकता का आवरण ओढ़े हुए हैं अंदर से उतने ही छिछले झूठे और मक्कारी से भरे हुए हैं। इस पूरे कथानक को लेखक ने बहुत सुंदरता से हास्य के ताना-बाना के साथ बुना है जिससे दर्शक दिल खोलकर हंस सके। नाटक दर्शकों को हंसाने में कोई कसर नहीं छोड़ता है।
इस नाटक का निर्देशन जयपुर के युवा रंगकर्मी एवं निर्देशक विजय प्रजापत ने किया है। नाटक में गौरव,रितिका, योगेश, सेफाली, शुभम , कल्पना, रवि सोनी ने अपने अभिनय से प्रस्तुति को जीवंत बनाया। नाटक का सेट एवं कौस्टुम डिजाइन कल्पना मौर्य ने किया। मंच संचालन में योगदान कमलेश बैरवा, विजय प्रजापत , चंद्रिका व सुनैना का रहा। नाटक की टीम के सभी सदस्य युवा हैं और उनमें जिस तरह की टीम भावना दिखी उससे भविष्य अच्छा होने के संकेत मिले।
समारोह संयोजक अभिषेक तिवाड़ी ने बताया कि युवाओं में कला एवं संस्कृति के प्रति रुझान पैदा करने के दृष्टिकोण से नाटक नेक चोर का मंचन करवाया गया। इस कार्यक्रम में प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, फिल्म व टीवी जगत के कलाकार, कलाप्रेमी, साहित्यकार एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि माँ भारती ग्रुप के दिनेश विजय थे।
बड़े भाई साहब का मंचन आज
समारोह के अंतिम दिन रविवार को मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी बड़े भाई साहब का नाट्य रूपांतरण मंचित किया जायेगा। अभिषेक तिवाड़ी ने बताया की स्थानीय नाट्य रूप कला एवं साहित्य संस्थान द्वारा तैयार किये गए इस नाटक को देखने के लिए बड़ी संख्या में स्कूल कालेज के छात्र छात्राओं व शहर के साहित्यकारों को निशुल्क ऑनलाइन टिकट जारी किये. समापन सत्र में राज्य मंत्री सुशील पारीख मुख्य अतिथि होंगे तथा अध्यक्षता जिला कलेक्टर ओपी बुनकर तथा शिव ज्योति ग्रुप के नरेश गुप्ता होंगे।