नन्हें मुन्ने बच्चों ने रावण दहन कर निभाई परंपरा

कोटा की तलवंडी कालोनी के बच्चों ने रावण के पुतले का किया दहन

talwandi

-दुष्यंत सिंह गहलोत-
कोटा। कोरोना महामारी के चलते बच्चों के लिए दो साल से विजयदशमी पर्व फीका रहा था। उन्होंने घर की छत पर ही रावण दहन किया था, पर इस बार हर्षाेल्लास के साथ रावण का पुतला बनाया गया ओर बच्चांे ने कालोनी के बड़ो के साथ रावण का दहन किया।

कोटा के तलवंडी सेक्टर 2 में इस बार कालोनी में बच्चों द्वारा रावण दहन का प्रोग्राम रखा। हर बार की तरह बच्चों ने नाच गाना कर आपस मे मिठाई बांटी और तलवंडी वार्ड 71 की कालोनी के छोटे-छोटे बच्चों ने इस परंपरा को बरकरार रखा। रावण के छोटे पुतले का दहन किया। इस दौरान उन्होंने पटाखे भी छुड़ाए। 6 साल के युवराज सिंह ने बताया की कोटा दशहरा मेला में रामलीला होती है। मेले में राम- रावण युद्ध का मंचन किया जाता था। इस दौरान दोनों में भीषण युद्ध होता था। आखिर में भगवान श्रीराम अपने तीर से राक्षस रावण का अंत कर देते थे। भगवान श्रीराम की लीला कर रहे कलाकार एक तीर रावण के पुतले पर छोड़ते थे, जिससे उसका दहन हो जाता था। कोराना महामारी के चलते दो साल से दशहरा फीका था। मेला भी नहीं लगा था।

दुसरी ओर यशराज सिंह गहलोत ने कहा आज हम कालोनी के बच्चों ने रावण के पुतले का दहन किया। हालांकि, बच्चों ने रावण के पुतले का काफी मशक्कत कर मनाया और फिर विधि विधान के साथ रावण का दहन कालोनी में किया। तलवंडी के रहने वाले 7 साल के युवराज सिंह गहलोत ओर 10 साल के यशराज सिंह गहलोत ने कालोनी के बच्चों के साथ रावण के पुतले को जलाकर बुराई से दूर रहने का संदेश दिया। बच्चांे को संदेश दिया रावण अपने कालोनी में बना कर ही जलाएं ताकी अपने कालोनी में फैली बुराई रावण दहन के साथ चली जाए। कालोनी में अच्छाई और भाई चारा का माहौल बना रहे। मेले में भीड़ भाड़ होने के कारण बच्चों को रावण देखने में परेशानी आती है। इस वजह से कालोनी में ही रावण दहन का फैसला किया। हर बार की तरह इस बार भी कालोनी में ही रावण दहन किया गया। मुख्य रूप से रावण दहन करने में दुर्व, लक्ष्य, समीका शर्मा, करुणा, शीलू, तनशिका, अर्पिता, कान्हा, कृष्णा, दिव्यास, शिवांश आदि कालोनी के बच्चे मौजूद रहे।

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