
-प्रकाश केवडे-

सर्दियों में सूरज
के मिजाज का
पता नहीं होता
बादलों के बीच से
कब निकलेगा
भरोसा नहीं होता
निकल भी आया
तो गर्मी नहीं देता
हर दिन इतवार
समझ आराम
फरमाता
शाम जल्द
घर लौट जाता।
सर्दियों की कसर
गर्मी में निकालेगा
खुद दिन भर
आसमान में रह
लोगों को घर में
कैद रखेगा।
रचियता प्रकाश केवडे
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