
-दुष्यन्त सिंह गहलोत-
कोटा। राज्य सरकार मरीजों के बेहतर इलाज के लिए कोरोड़ों रूपए खर्च कर रही है। लेकिन कोटा मेडिकल कॉलेज से संबद्ध नए अस्पताल के टीबी वार्ड में मरीज,तीमारदार व नर्सिंग स्टाफ पानी के लिए तरस रहे है। टीबी वार्ड में पिछले 4 दिनों से पानी की सप्लाई नहीं हो रही। इस कारण वार्ड में भर्ती मरीज लेट बाथ के लिए भी दूसरी जगह जाना पड़ रहा है। 60 बेड की क्षमता वाले वार्ड में अभी 42 मरीज भर्ती है। परेशान होकर नर्सिंग ऑफिसर जितेंद सिंह जादौन ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करके समस्या समाधान की अपील की है। वीडियो वायरल होते ही हॉस्पिटल के जिम्मेदार अधिकारी वार्ड में दौड़ते हुए आ गए। और समस्या समाधान का आश्वासन दिया।
नर्सिंग ऑफिसर जितेंद सिंह जादौन ने बताया कि पिछले 4 दिन से वार्ड में पानी की सप्लाई नहीं हो रही। इसकी शिकायत वार्ड इंचार्ज समेत हॉस्पिटल प्रशासन को दी थी। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पानी नहीं आने से वार्ड में भर्ती मरीजों को नहाने धोने में परेशानी हो रही है। नर्सिंग स्टाफ भी लेट बाथ का उपयोग नहीं कर पा रहा। पानी नहीं आने से लेट बाथ की सफाई नहीं हुई। वार्ड में बदबू का आलम में है। परेशान होकर आज वीडियो रिकॉर्ड करके सोशल मीडिया पर वायरल किया है,साथ ही जिला प्रशासन को भी भेजा है। ताकि जल्द से जल्द समस्या का समाधान हो सकें।
वार्ड इंचार्ज गोविंद सोनी ने बताया कि हॉस्पिटल में अकेलगढ से पानी की सप्लाई होती। हाल ही में दो दिन तक पीएचईडी से पानी की सप्लाई बंद रही थी। इस कारण हॉस्पिटल की पानी की टंकियां खाली हो गई। एयर लेने के कारण वार्ड में पानी सप्लाई में दिक्कत आई थी। अब उसे ठीक करवा दिया है। वार्ड में पानी शुरू हो जाएगा। वैसे हॉस्पिटल में रोज 4 लाख लीटर पानी की जरूरत रहती है।
सदा नीरा चम्बल के तट पर स्थित कोटा शहर में पिछले एक माह से अधिक समय से नई बस्तियों के रहवासी पानी की किल्लत से दो चार हो रहे हैं. जलदाय विभाग के अधिकारियों की कुम्भकरणी नींद के कारण आम नागरिक पानी की एक एक बूंद के लिए तरह रहे हैं. दादाबाड़ी में पानी बहुत ही कम दबाव से आता है,समय असमय कभी भी पानी की टोटियों से पानी टपकना बंद हो जाता है,फिर कब लौटेगी पानी धार, इसका इंतजार उपभोक्ताओं को रहता है.