
-राहुल और प्रियंका को प्रचार के लिए बुलाने का निर्णय
-ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का वादा करेगी कांग्रेस
-वाम मोर्चा ने 12 सीटों से कांग्रेस के खिलाफ प्रत्याशी हटाए, एक पर की अदला-बदली
राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा से बने माहौल और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में सफलता के बाद कांग्रेस पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव को काफी गंभीरता से ले रही है। कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम और सेना में भर्ती को लेकर दाव खेला था। उसने त्रिपुरा में भी ओल्ड पेंशन स्कीम पद दाव खेलने का फैसला किया है। कांग्रेस शासित अन्य दो राज्य – राजस्थान और छत्तीसगढ़ – पहले से ही इस योजना को लागू कर रहे हैं। कई राज्यों में कई नेता भी ओपीएस की बहाली की मांग करने लगे हैं। त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस ने इसके अलावा राज्य विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को चुनाव प्रचार के लिए बुलाने का निर्णय किया है। त्रिपुरा में 16 फरवरी को मतदान ,मतगणना 2 मार्च को होगी। त्रिपुरा में जहां बीजेपी की सरकार है। इस बार भाजपा की राह आसान नहीं है। उसके दो मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस व माकपा में अब गठबंधन हो गया है। भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए ये दोनों दल साथ आ गए हैं। इसके साथ आदिवासियों की हिमायती टिपरा मोथा की चुनौती भी भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। 2019 में अस्तित्व में आई टिपरा मोथा ने राज्य विधानसभा चुनाव की 40 से 45 सीटों पर चुनाव लड़ने घोषणा की है। त्रिपुरा में करीब 32 प्रतिशत आबादी जनजातियों की है और राज्य विधानसभा की 60 में से 20 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। बाकी बची 40 सीटों में से 10-12 सीटों पर आदिवासी अच्छी खासा प्रभाव रखते हैं।
उल्लेखनीय है कि त्रिपुरा में कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों ने एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवारों को वापस लेने का फैसला किया है। इससे बनीं चुनावी उम्मीदों को देखते हुए कांग्रेस ने ओल्ड पेंशन योजना को अपने मुख्य अभियान के मुद्दे के रूप में उठाने की तैययारी की है। कांग्रेस ने हिमाचल विधानसभा चुनाव में पुरानी पेंशन योजना को अपने घोषणापत्र में शामिल किया था और पहली कैबिनेट बैठक में इसकी घोषणा भी की थी।
नामांकन वापस लेने की समय सीमा से पहले, वाम मोर्चा ने बुधवार को घोषणा की कि वह सीट-बंटवारे के फॉर्मूले के तहत कांग्रेस को आवंटित 13 निर्वाचन क्षेत्रों से अपने उम्मीदवारों को वापस ले रहा है, लेकिन अब और हार नहीं मानेगा। वाम मोर्चे ने अब मूल रूप से कांग्रेस के लिए छोड़ी गई 12 सीटों से हाथ खींच लिए हैं, साथ ही उनके बीच एक सीट की अदला-बदली की है। यह भी माना जाता है कि उसने कांग्रेस को यह स्पष्ट कर दिया था कि उसे अतिरिक्त निर्वाचन क्षेत्र देने का कोई सवाल ही नहीं था, जिसकी वह तलाश कर रही थी।
इस बीच, त्रिपुरा कांग्रेस की राज्य इकाई कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है और चाहती है कि वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा राज्य में प्रचार करें। त्रिपुरा प्रभारी अजय कुमार ने कहा, भाजपा शासन के दौरान राज्य में बड़ा कुशासन रहा है। अब बदलाव का समय है और बदलाव होगा। फिलहाल पार्टी अपना मेनिफेस्टो तैयार कर रही है और जल्द ही इसे जारी करने की तैयारी में है।