उपेन्द्र कुशवाहा के बगावती तेवर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दिलाई जंगलराज की याद !

upendra kushwaha
चुनावी आचार संहिता संबंधित पुराने मामले में साक्ष्य के अभाव में बरी होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते उपेंद्र कुशवाहा। फोटो सोशल मीडिया

-विष्णुदेव मंडल-

विष्णु देव मंडल

(बिहार मूल के स्वतंत्र पत्रकार)

क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी वह खौफनाक मंजर भूल गए जब लालू प्रसाद यादव के शासन के दौरान से अराजकता से बिहार के लोग त्राहिमाम कर रहे थे? आखिर नीतीश कुमार जी का राजनीतिक उदय किसके खिलाफ हुआ? वह 2020 के विधानसभा का चुनाव में लालू-राबड़ी राज के शासन और जंगलराज का खौफ दिखाकर ही सत्ता में आए। विधानसभा चुनाव की हर सभा में हर चौक-चौराहे पर नीतीश कुमार लोगों को आगाह किया करते थे और 1990 और 2005 तक लालू राबड़ी राज की कुशासन का डर दिखा कर जनता से समर्थन मांगा था। और अब जनादेश का अपमान करते हुए कहते हैं आगे तो आप को ही देखना है..! जदयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा सार्वजनिक मंच से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह सब कुछ याद दिला रहे हैं। इन दिनों उपेन्द्र कुशवाहा नीतीश कुमार के खिलाफ बगावती तेवर दिखा रहे हैं। उन्होंने
मीडिया से कहा कि जनतादल यूनाइटेड लालू प्रसाद यादव के शासन के खिलाफ बनी थी जिनको बिहार की जनता का समर्थन प्राप्त है लेकिन नीतीश कुमार और लालू यादव में किस तरह का डील हुआ है, वह मुझे तो पता नहीं लेकिन यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की सत्ता तेजस्वी यादव को सौंपेंगे तो इसका मतलब है कि बिहार के 13 करोड़ लोगों के जनादेश का अपमान होगा!
अपमान होगा उन लवकुश समाज,अति पिछड़ा समाज का, दलित और अलपसंख्यक व अगड़ी जातियों का,जिनहोने कुशासन के खिलाफ नीतीश कुमार को जनादेश दिया। उसे छोड़ कर आप उनके हाथ में राज्य को सौंपना चाहते हैं, जिन्होंने बिहार को तबाह और बर्बाद किया। श्री कुशवाहा ने कहा मुझे पद नहीं चाहिए, लेकिन पार्टी को खत्म मत करिए मुख्यमंत्री जी, यह पार्टी करोड़ों जनता की आवाज है। आपके दल में ही लवकुश और अति पिछड़ा समाज के दलित और अलपसंख्यक समुदाय के लोग हैं । उन्हें आगे बढाईये, लेकिन जिसको आप सत्ता देने की बात कर रहे हैं, वह किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।
बता दें कि महागठबंधन के नेताओं ने उपेंद्र कुशवाहा के बगावती तेवर के कारण एकजुटता दिखाने के लिए आगामी 25 फरवरी को पूर्णिया में बैठक आहूत की है। जिनके तहत यह दिखाने का कोशिश की जाएगी कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है और यह गठबंधन आगामी 2024 के लोक सभा चुनाव में नरेंद्र मोदी सरकार को बिहार से भगा देगी।
उधर, भाजपा ने भी नीतीश कुमार के खिलाफ 25 फरवरी को कई राजनीतिक कार्यक्रम रखे हुए हैं जिनमें मुख्य अतिथि के तौर पर देश के गृह मंत्री अमित शाह को बुलाया गया है।
बहरहाल बिहार के कानून व्यवस्था बदतर है, हर दिन किसी न किसी जिले में आपराधिक वारदात बढ रही है, जहाँ एक ओर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाधान यात्रा पर हैं वहीं हर जिले, कस्बे में अपराधियों का बोलबाला है। ऐसे में महागठबंधन की सरकार में जंगलराज पार्ट-2 का आगाज हो चुका है।
अब देखना यह है कि आगामी 20 फरवरी को उपेंद्र कुशवाहा द्वारा बुलाए गए जदयू कार्यकर्ता मीटिंग में कितने लोग शामिल होते हैं और नीतीश कुमार सरकार उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ किस तरह का निर्णय लेती है।

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