जो बोया वही तो काट रहा है पाकिस्तान

पाकिस्तन को तलिबान अब सिर दर्द लग रहा है क्योंकि तालिबान इस्लामाबाद से डिक्टेट नहीं हो रहा है। आतंकवाद की आग में खुद के हाथ जलने लगे तो अब पाकिस्तान को दर्द महसूस हुआ है। पेशावर में एक मस्जिद में हुए धमाके में 100 से अधिक लोग मारे गए। धमाका इतने सुरक्षित इलाके में हुआ कि कोई सोच भी नहीं सकता कि वहां भी ऐसा हो सकता है। धमाके की जिम्मेदारी तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान ने ली है

kabul
अफगानिस्तान के अमरुल्लाह सालेह का पाकिस्तान के बारे में ट्विट

-खुद पाकिस्तान के नेता अब स्वीकारने लगे हैं देश ने आतंकवाद के बीज़ बोए

-द ओपिनियन-

तालिबान करीब डेढ़ साल पहले काबुल पर काबिज हुआ तो सबसे ज्यादा खुशी पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान को हुई थी। तालिबान शासन के लिए उनका दिल बहुत धड़का था। उन्हें लगा था कि भारत के खिलाफ उनको एक रणनीतिक हथियार मिल गया है। लेकिन आज हालात एकदम उलट हैं। अब इस्लामाबाद में इमरान की सरकार नहीं है। इमरान का प्रिय लेफ्टिनेंट जनरल फैज पाकिस्तान का आर्मी चीफ नहीं बन सका है और आज इस्लमाबाद और तालिबान एक दूसरे के सामने खड़े हैं। पाकिस्तन को तलिबान अब सिर दर्द लग रहा है क्योंकि तालिबान इस्लामाबाद से डिक्टेट नहीं हो रहा है। आतंकवाद की आग में खुद के हाथ जलने लगे तो अब पाकिस्तान को दर्द महसूस हुआ है। पेशावर में एक मस्जिद में हुए धमाके में 100 से अधिक लोग मारे गए। धमाका इतने सुरक्षित इलाके में हुआ कि कोई सोच भी नहीं सकता कि वहां भी ऐसा हो सकता है। धमाके की जिम्मेदारी तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान ने ली है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कहा, जिस तरह हमारे देश में नमाजियों पर आए दिन आतंकी हमले हो रहे है, श्रद्धालुओ पर ऐसे हमले भारत या इजराइल में कभी नहीं होते। हमारे देश ने आतंकवाद के बीच बोए हैं।

kabul 01

आसिफ फिर कहते हैं, अब आतंकवाद के खिलाफ लड़ने का समय आ गया है। हमें अपने घर को सुधारने की जरूरत है। वहीं पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह खान ने संसद में कहा कि मुजाहिदीन को ग्लोबल पावर के साथ लड़ने के लिए तैयार करना पाकिस्तान की बड़ी गलती थी। पाकिस्तान ने मुजाहिदीन बनाए और बाद में ये आतंकवादी बन गए। पाकिस्तान आतंकवाद की बात को कितना ही नकारता रहा लेकिन अब चोट खुद को लगी तो सच उगल ही दिया। दुनिया में आतंकवाद के केंद्र के रूप में उभरे पाकिस्तान को अब उसकी आंच खुद को महसूस हो रही है। भारत के खिलाफ पाकिस्तान आतंकवाद को अपनी रणनीति का औजार बनाकर इस्तेमाल करता रहा है। लेकिन अब उलटे इसी आतंकवाद में उसके हाथ जल रहे हैं। हमले की जिम्मेदारी तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान ने ली तो पाकिस्तान ने अफगान तालिबान पर अंगुली उठाई तो वहां से उसे करारा व दो टूक जवाब मिल गया। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकी अफगान बॉर्डर के पास इकट्ठा हैं। जिस पर पलटकर अफगान तालिबानी सरकार के विदेश मंत्री मुल्ला आमीर मुत्ताकी ने कहा, पाकिस्तान अपनी समस्याओं को खुद देखे और इसके लिए अफगानिस्तान को जिम्मेदार ठहराना छोड़ दे। पाकिस्तान को पेशावर धमाके के लिए अफगानिस्तान को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए। साफ है कि अफगान तालिबान पाकिस्तान के निर्देश पर चलने वाला नहीं है। वह अफगानिस्तान में सरकार चला रहा है और अब फैसले अपने हितों को ध्यान में रखकर कर रहा है। वह भारत के खिलाफ पाकिस्तान का टूल भी नहीं बन रहा है। पाकिस्तान की अपनी गललियों से ही तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान दिन प्रतिदिन मजबूत होता गया है और अब वह पाकिस्तान की सत्ता को खुली चुनौती दे रहा है। एक तो माली हालत खराब है और उपर से तालिबान का बढ़ता प्रभाव पाकिस्तान के शासकों के लिए गंभीर चुनौती बनते जा रहे हैं। पाकिस्तान के गृह मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भी आड़े हाथ लिया और कहा कि इमरान ने प्रधानमंत्री रहते उनकी सरकार ने हमेशा तहरीक ए तालिबान से बातचीत की वकालत की। उसने तहरीक ए तालिबान के लोगों को भी रिहा कर दिया था जिन्हें कोर्ट ने सजा सुनाई थी।

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments